HINDI: Mungfali Lore पहाड़ों की वो सर्द भरी रातें, फिर से याद आयी। रातें जो परिवार संग हमने बिताई। मूँगफली की दावत मिलके हमने उड़ाई, ओढे अपनी- अपनी रज़ाई। फटाक फटाक का गुँजन ही, देता था केवल सुनाई। तीन दाने आये तो झूम कर खुशियाँ मनाई, निकली मूँगफली खाली तो, दुकानदार को खूब …
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