Taapmaan | तापमान | हिंदी कविता |
Taapmaan | तापमान | हिंदी कविता |
Taapmaan | तापमान | हिंदी कविता |
सिर्फ,
कमरे के सामान्य तापमान से ऊपर
IQ वालों के लिए :
हाँ – हाँ
जानता हूँ
सबकुछ एक ही है।
पर तापमान चाहिए
अपना – अपना अस्तित्व बचाने के खातिर।
तभी शायद
अपना – अपना तापमान होता है
पानी का , वाष्प का , और बर्फ का भी
पर सोचता हूँ
मुर्दा खामोशी से भरे
इन डरे लोगों का तापमान क्या होगा ?