ये फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म जियाउल हक़ के साम्प्रदायिक और कटरपंथी पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ पैदा हुयी थी। मैंने उर्दू के कुछ अलफ़ाज़ हिंदी में अर्थ के साथ लिखें हैं। आजकल ये नज़्म हिन्दू विरोधी बताई जारही है। आप पढ़िए और बताइये कि ये कितनी हिन्दू विरोधी है. हम देखेंगे लाज़िम है …
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